राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को भेजा छह सूत्रीय ज्ञापन

चौपाल संवाद, फतेहपुर।

अधिवक्ताओं की समस्याओं को लेकर बुधवार को सिविल अधिवक्ता मंच उत्तर प्रदेश के पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को छह सूत्रीय ज्ञापन भेजकर सभी मांगों को पूरा किए जाने की आवाज उठाई।

सिविल अधिवक्ता मंच के प्रांत संयोजक आरपी मौर्य एडवोकेट की अगुवाई में बड़ी संख्या में अधिवक्ता कलेक्ट्रेट आए और भेजे गए ज्ञापन में बताया कि देश व प्रदेश में बढ़ रही महंगाई, बेरोजगारी व बढ़ती आबादी, नौकरी पेशा, व्यवसाय व घटती आय के शिकार किसान, मजदूर आदि जहां परेशान हैं, वहीं वर्तमान में सबसे अधिक बौद्धिक समाज के अधिवक्ता तमाम समस्याओं से त्रस्त हैं। कई बार आवाज उठाने के बाद भी अधिवक्ताओं की समस्याओं का निस्तारण नहीं किया जा रहा है।

मंच की प्रमुख मांगें:

  1. आर्थिक मदद: पांच वर्ष के अंदर के प्रैक्टिसिंग अधिवक्ताओं को अधिवक्ता निधि के रूप में कम से कम पांच हजार रुपये आर्थिक मदद प्रतिमाह दी जाए।
  2. राजनीतिक प्रतिनिधित्व: प्रत्येक राजनैतिक दलों द्वारा दस फीसदी प्रैक्टिसिंग अधिवक्ताओं को अपने-अपने दलों से लोकसभा व विधानसभा आदि में भेजने का कानून बनाया जाए।
  3. ब्याज मुक्त ऋण: दस वर्ष के अंदर के प्रैक्टिसिंग अधिवक्ताओं को ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा भवन आदि बनाने में उपलब्ध कराई जाए।
  4. आवास योजना: प्रत्येक अधिवक्ता को प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना व प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत आवास मुहैया कराया जाए।
  5. लोक अदालत फीस: लोक अदालतों द्वारा निर्णीत कराए गए मुकदमों में संबंधित अधिवक्ताओं को दस हजार रुपये की फीस उपलब्ध कराई जाए।
  6. वरिष्ठ अधिवक्ता पेंशन: 70 वर्ष से अधिक उम्र के अधिवक्ताओं को उनकी रोजी-रोजगार व आजीविका हेतु आजीवन पांच हजार रुपये पेंशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

इस मौके पर अधिवक्ताओं में अरूण कुमार रावत, सुशील कुमार, किशोर सिंह, आशीष पांडेय, सुनील कुमार गुप्ता, मयंक यादव, संतोष कुमार, दीपिका श्रीवास्तव, रंजीत सिंह पटेल, श्याम प्रकाश भी मौजूद रहे।