कोचिंग मंडी के चाय कैफे संचालक को बनाया आरोपी, दर्ज की गंभीर धाराओं में एफआईआर
कानपुर। कानपुर की काकादेव पुलिस ने एक चाय कैफे संचालक के खिलाफ गंभीर धाराओं में झूठी एफआईआर दर्ज कर दी। कैफे संचालक जब अफसरों के सामने सीसीटीवी लेकर पहुंचा, तब काकादेव थाना प्रभारी की करतूत सामने आई है। सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस अफसर मामले को दबाने में जुटे हैं।
विजय नगर निवासी अक्षय द्विवेदी ने 7 अगस्त को काकादेव थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि 7 अगस्त को जब वह काकादेव कोचिंग मंडी से गुजर रहे थे, चाय-सुट्टा कैफे के सामने कई वाहन अव्यवस्थित ढंग से खड़े थे। हॉर्न बजाने पर चाय-सुट्टा बार का एक कर्मचारी गाली-गलौज करते हुए निकला और हमला करने की कोशिश की। अक्षय ने बताया कि उन्होंने भागकर बचने का प्रयास किया, लेकिन कैफे संचालक अभय सिंह अपने गुंडों के साथ आकर उनकी गाड़ी से डंडा निकालकर उन्हें मारने की कोशिश की। अक्षय ने आरोप लगाया कि अभय और उसके गुंडों ने उन्हें घेरकर बेरहमी से पिटाई की, गले से सोने की चेन तोड़ ली, और चोटी उखाड़ने की धमकी दी।
पुलिस ने बगैर जांच-पड़ताल के कैफे संचालक अभय सिंह और चार-पांच अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ गाली-गलौज, मारपीट, जान से मारने की धमकी, लूट, धर्म विशेष का अपमान करने, और अपराधिक बल का प्रयोग समेत 7 गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की। कैफे संचालक अभय सिंह ने जब सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल किया और इसे पुलिस अफसरों को दिखाया, तब काकादेव थाना प्रभारी की करतूत सामने आई।
कैफे संचालक ने चौकी, काकादेव थाना, और पुलिस कमिश्नर दफ्तर तक चक्कर काटे, लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि एफआईआर में लगाए गए आरोप निराधार और झूठे हैं। कैफे के सामने कोई भी गाड़ी अव्यवस्थित नहीं थी, और कार चालक ने खुद गाड़ी से डंडा निकालकर कैफे के कर्मचारी को गाली-गलौज करते हुए मारपीट की थी। लूट, चोटी उखाड़ने की धमकी, और जाति विशेष का अपमान करने के आरोप भी झूठे साबित हुए।