नई दिल्ली, एजेंसी। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली की कथित आबकारी नीति घोटाले में भ्रष्टाचार और धनशोधन के अलग-अलग दर्ज मुकदमों के आरोपी पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।
मुख्य बिंदु:
- नोटिस जारी:
- समय और स्थान: मंगलवार को उच्चतम न्यायालय की पीठ ने केंद्रीय जांच एजेंसियों – सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया।
- सुनवाई की तारीख: मामले पर अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।
- पीठ का गठन:
- न्यायमूर्ति: बी.आर. गवई, संजय करोल और के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने नोटिस जारी किया।
- नई पीठ का गठन: न्यायमूर्ति संजय कुमार के मामले से अपने को अलग कर लेने के कारण, मुख्य न्यायाधीश ने एक नई पीठ का गठन किया।
- सिसोदिया की दलील:
- अधिवक्ता: मनीष सिसोदिया के अधिवक्ता विवेक जैन ने याचिकाकर्ता को जमानत देने का अनुरोध किया।
- दलील: सिसोदिया 16 महीने से जेल में हैं और मुकदमा धीमी गति से चल रहा है।
- मामले की पृष्ठभूमि:
- सीबीआई का मामला: सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 (विवाद के बाद रद्द कर दी गई थी) में कथित भ्रष्टाचार के मामले में सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
- आरोप: सिसोदिया को इस मामले में एक आरोपी के रूप में नामित किया गया था।
यह मामला दिल्ली की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से संबंधित है। सिसोदिया ने अपने जमानत याचिका में दावा किया है कि मुकदमा बहुत धीमी गति से चल रहा है और उन्हें 16 महीने से जेल में रखा गया है। इस मामले में न्यायालय ने सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।