मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राकृतिक खेती पर आधारित क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम को किया संबोधित
- बोले सीएम, हरित क्रांति से कृषि उत्पादन बढ़ना आधा सच, फर्टिलाइजर का जहर हमारी धमनियों में घुसने लगा है।
- सिर्फ इंसान ही नहीं पशु-पक्षी भी फर्टिलाइजर की अधिकता से हो रहे बीमार: योगी।
- देश में कई ऐसे इलाके थे जहां हरित क्रांति से पहले भी कृषि उत्पादन अधिक था: मुख्यमंत्री।
- बीज से लेकर बाजार तक हमें कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखना होगा: सीएम योगी।
- यूपी में जल्द एक कृषि विश्वविद्यालय होगा प्राकृतिक खेती को समर्पित: मुख्यमंत्री।
गाय भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही अत्यधिक फर्टिलाइजर वाला चारा
सीएम योगी ने कहा कि फर्टिलाइजर का दुष्प्रभाव केवल मनुष्यों में ही नहीं देखने को मिल रहा बल्कि पशु-पक्षी भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमरोहा में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल में 12 से 14 गाय अचानक मर गईं। जब हमने वहां विशेषज्ञ भेजे तो यह पता चला कि चारे में बड़े पैमाने पर फर्टिलाइजर मिला था, जिसके कारण उनकी मौत हुई। हमें समझना होगा कि जब गाय अत्यधिक फर्टिलाइजर को बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है तो मनुष्य की स्थिति क्या होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी जोर दिया कि यह घटना हमें सिखाती है कि हमें प्राकृतिक खेती की ओर वापस जाना चाहिए और कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखना चाहिए ताकि मनुष्यों और पशुओं दोनों की सेहत सुरक्षित रह सके।
लखनऊ, एजेंसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश के एक राज्य में कृषि कार्य में अत्यधिक फर्टिलाइजर के उपयोग का हश्र यह हुआ कि आज वहां से ‘कैंसर ट्रेन’ चलानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति से कृषि उत्पादन जरूर बढ़ा, मगर यह अधूरा सच है। आज फर्टिलाइजर की अधिकता के कारण एक ‘धीमा जहर’ हमारी धमनियों में घुस रहा है। यह दुष्प्रभाव केवल मनुष्यों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि पशु-पक्षी भी इससे बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि देश में कई इलाके ऐसे भी थे जहां प्राकृतिक ढंग से भी कृषि उत्पादन अधिक था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में जल्द ही एक कृषि विश्वविद्यालय को प्राकृतिक खेती के लिए समर्पित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
गांव-गांव में युवा किडनी, हार्ट और कैंसर से हो रहे प्रभावित
सीएम योगी ने कहा कि उनके पास मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए बड़ी संख्या में लोग धन की मांग करते हैं, इसमें सर्वाधिक मामले कैंसर के होते हैं। आज से कुछ साल पहले इतनी भयावह स्थिति नहीं थी। आज गांव-गांव में युवाओं में कोई किडनी, कोई हार्ट तो कोई कैंसर से पीड़ित हो गया है। इसका कारण है कि हमारा खानपान कहीं न कहीं प्रभावित हुआ है, जिसने नई-नई बीमारियों को जन्म दिया है। इससे बचाव का नया मंत्र पीएम मोदी ने प्राकृतिक खेती का दिया है।
सर्टिफिकेशन लैब्स को अपग्रेड कीजिए, धन सरकार देगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखना होगा। यूपी में इसके लिए बड़ी संभावना है। हमारे पास देश की 12 प्रतिशत भूमि है। यूपी में देश की 17 प्रतिशत आबादी रहती है। हम देश के खाद्यान का 20 प्रतिशत उत्पादन करते हैं। हमारे पास पर्याप्त जल संसाधन हैं। हमें आज की आवश्यकता के अनुरूप उस क्वालिटी पर ध्यान देना होगा जो हमारे हैपिनेस इंडेक्स को ऊंचाई पर ले जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी सरकार ने इस दिशा में कार्य प्रारंभ किया है। हमारे पास अभी 4 कृषि विश्वविद्यालय हैं, पांचवां बनने जा रहा है। 89 कृषि विज्ञान केंद्र हैं और दो केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय हैं।
हमने कह रखा है कि प्राकृतिक खेती से जो भी प्रोडक्ट आता है, उसके सर्टिफिकेशन के कार्यक्रम को तेज गति से आगे बढ़ाना है। बीज से इसकी शुरुआत हो और बाजार तक पहुंचने पर अच्छा दाम मिल सके, ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं हम। हमने प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों को कह दिया है कि सर्टिफिकेशन लैब्स को अपग्रेड कीजिए, धन सरकार देगी।
प्राकृतिक खेती को लेकर जनजागरण हुआ है
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में 9 क्लाइमेटिक जोन हैं। हर क्लाइमेटिक जोन में कृषि विज्ञान केंद्र को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने के रूप में हमने आगे बढ़ाया है। इसमें हम खेती को प्राकृतिक पद्धति से आगे बढ़ा सकेंगे। यूपी में आज कृषि विज्ञान केंद्र देखने लायक हैं। 2017 से पहले इन केंद्रों पर जंगल उग गये थे। आज ये किसानों, पशुपालकों और कृषि के लिए कुछ न कुछ योगदान दे रहे हैं।