कानपुर, उत्तर प्रदेश — सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में आगामी उपचुनाव को लेकर भाजपा ने जोर-शोर से तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। भाजपा ने इस क्षेत्र की जिम्मेदारी सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्री सुरेश खन्ना को सौंपी है। सुरेश खन्ना ने गुरुवार को सिख समाज, अनुसूचित जाति समाज, और व्यापारियों के साथ बैठकें की। उनके साथ आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल भी मौजूद थे।

विभिन्न समुदायों के साथ बैठक

भाजपा ने आज के कार्यक्रम में सिख, सिंधी, वैश्य, और अनुसूचित जाति समाज के लोगों के साथ बैठक करने की योजना बनाई। हालांकि, मुस्लिम समुदाय के साथ बैठक आज के एजेंडे में शामिल नहीं थी। शाम को करीब साढ़े 5 बजे बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में संगठनात्मक बैठक आयोजित की जाएगी।

बैठक का कार्यक्रम

  • 80 फीट रोड: अनुसूचित जाति समाज के साथ बैठक
  • नेहरू नगर, सम्राट गेस्ट हाउस: सिख समाज के साथ बैठक
  • प्रेम प्रकाश आश्रम: सिंधी समाज के साथ बैठक
  • शूटरगंज: वैश्य समाज के साथ बैठक
  • बीएनएसडी शिक्षा निकेतन: संगठनात्मक बैठक

भाजपा के लिए बड़ा मौका

सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र का 2012 में नया परिसीमन हुआ था और तब से यह सीट समाजवादी पार्टी (सपा) के पास है। भाजपा के पास इस बार इस सीट को जीतने का बड़ा मौका है, जिसे पार्टी गंवाना नहीं चाहती। कई नेता दिल्ली और प्रदेश स्तर पर संगठन की परिक्रमा लगा रहे हैं।

पार्टी में टिकट की मांग

भाजपा कार्यकर्ताओं में मांग उठ रही है कि इस सीट के लिए सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में निवास करने वाले भाजपा कार्यकर्ता को टिकट दिया जाए। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस बार दलित चेहरे को टिकट दिया जा सकता है।

सीट का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

वर्ष 1991 से 2002 तक यह सीट भाजपा के पास रही और राकेश सोनकर तीन बार विधायक रहे। इसके बाद 2002 से 2012 तक कांग्रेस से संजीव दरियाबादी विधायक रहे। दोनों ही विधायक दलित चेहरे के रूप में चुनाव जीते। भाजपा अब दलित चेहरे पर दांव लगाने की योजना बना रही है।

मुस्लिम वोट बैंक

सीसामऊ एक मुस्लिम बहुल्य सीट है। भाजपा को जीतने के लिए ब्राह्मण और दलित मतदाताओं को एकजुट करना होगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा सीसामऊ विधानसभा में हार चुकी है, इसलिए इस बार मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए पार्टी को कड़ी मशक्कत करनी होगी।

सीसामऊ सीट के मतदाता

  • मुस्लिम: 1,11,000
  • ब्राह्मण: 70,000
  • दलित: 60,000
  • कायस्थ: 26,000
  • सिंधी और पंजाबी: 6,000
  • क्षत्रीय: 6,000
  • अन्य पिछड़ा वर्ग: 12,411