नई दिल्ली, एजेंसी। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 200 से 250 सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। गुरुवार को उन्होंने राज्य के प्रशासन की तीखी आलोचना करते हुए महायुति गठबंधन की योजनाओं की वित्तीय व्यवहार्यता पर सवाल उठाया और पार्टी की आंतरिक अटकलों और तैयारियों को संबोधित किया।

राज ठाकरे ने महायुति गठबंधन की योजनाओं की वित्तीय व्यवहार्यता को चुनौती देते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार के पास गड्ढों की मरम्मत के लिए धन की कमी है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार “लाडली बहन” और “लाडला भाई” जैसी योजनाओं के लिए धन कैसे जुटाएगी। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र सरकार के पास गड्ढों की मरम्मत के लिए धन नहीं है। वे ‘लाडली बहन’ और ‘लाडला भाई’ के लिए धन कैसे जुटाएंगे?”

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के भीतर आंतरिक कलह पर टिप्पणी करते हुए, ठाकरे ने कहा, “अगर ‘लाडला भाई’ और ‘लाडली बहन’ दोनों एक साथ खुश होते, तो पार्टी विभाजित नहीं होती।”

वर्तमान राजनीतिक भ्रम पर प्रकाश डालते हुए, ठाकरे ने कहा, “कोई यह नहीं बता सकता कि कौन सा विधायक किस पार्टी में है। आगामी चुनावों में, इन पार्टियों के बीच घमासान लड़ाई होगी।”

राज ठाकरे के इस ऐलान से भाजपा-शिवसेना गठबंधन की धड़कनें बढ़ गई हैं। मनसे प्रमुख की यह घोषणा महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा प्रभाव डाल सकती है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों में। इस घोषणा से न केवल गठबंधन के लिए चुनौती बढ़ेगी, बल्कि मनसे के चुनावी रणनीति और प्रभाव पर भी सबकी नजरें टिकी रहेंगी।

संदर्भ:

  1. राज ठाकरे का ऐलान: आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 200 से 250 सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की योजना।
  2. वित्तीय सवाल: महाराष्ट्र सरकार की योजनाओं की वित्तीय व्यवहार्यता पर सवाल।
  3. एनसीपी की कलह: राज ठाकरे ने एनसीपी के भीतर आंतरिक कलह पर टिप्पणी।
  4. राजनीतिक भ्रम: आगामी चुनावों में पार्टियों के बीच संभावित घमासान लड़ाई।

राज ठाकरे की इस घोषणा से महाराष्ट्र की राजनीतिक तस्वीर में नए मोड़ आ सकते हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में यह कैसे प्रभाव डालेगा।