नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस्तीफे की मांग की। उन्होंने दावा किया कि सिद्धारमैया कथित तौर पर मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण और कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटालों में शामिल थे।
आरोपों का विवरण:
- वित्तीय अनियमितताएं: शोभा करंदलाजे ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इशारे पर दोनों निगमों में वित्तीय अनियमितताएं हुईं। उन्होंने कहा, “मामले की निष्पक्ष और निष्पक्ष जांच के लिए सिद्धारमैया को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि वह राज्य के वित्त मंत्री का प्रभार भी रखते हैं और वह लीपापोती करने की कोशिश कर रहे हैं।”
- ट्रांसफर और मनी लॉन्ड्रिंग: मार्च में यूनियन बैंक से 187 करोड़ रुपये कर्नाटक के दूसरे बैंक में ट्रांसफर किए गए थे। इसके बाद, धनराशि अलग-अलग शराब की दुकानों में भेजी गई। वाल्मिकी विकास निगम के एक अधिकारी ने अपने सुसाइड नोट में मनी लॉन्ड्रिंग का जिक्र किया और लिखा कि उन पर इस बारे में रिपोर्ट न करने के लिए दबाव डाला जा रहा था।
- जांच और गिरफ्तारी: यूनियन बैंक ने सीबीआई को लिखा और ईडी ने कई गिरफ्तारियां कीं। शोभा करंदलाजे ने दावा किया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लोगों पर दबाव डाला और धन का इस्तेमाल अपने चुनाव प्रचार के लिए किया।
भाजपा का आरोप:
- एसटी और दलितों के विकास के लिए आई धनराशि का दुरुपयोग: शोभा करंदलाजे ने कहा कि कर्नाटक में एसटी और दलितों के विकास के लिए आई धनराशि का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में कांग्रेस बार-बार संविधान का उल्लंघन कर रही है।
भाजपा की मांग:
- भाजपा नेत्री ने मांग की कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए ताकि मामले की निष्पक्ष और निष्पक्ष जांच हो सके और सभी दोषियों को सजा मिल सके।
इस विवाद के बीच, भाजपा ने सिद्धारमैया पर तीखे आरोप लगाए हैं और उनकी भूमिका पर सवाल उठाए हैं, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है।