दिसपुर, एजेंसी। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शुक्रवार (19 जुलाई) को कहा कि राज्य में मुस्लिम आबादी हर 10 साल में 30% बढ़ रही है। ऐसे में साल 2041 तक असम मुस्लिम बहुल राज्य बन जाएगा। यह हकीकत है और इसे कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी जनसंख्या नियंत्रण के ब्रांड एंबेसडर बन जाते हैं, तब इस पर नियंत्रण लग सकता है, क्योंकि मुस्लिम समुदाय केवल उनकी बात सुनता है।

जनसंख्या वृद्धि और डेमोग्राफिक डेटा

असम सीएम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डेमोग्राफिक डेटा के मुताबिक असम की मुस्लिम आबादी 40% हो गई है, जबकि हिंदू समुदाय की आबादी हर 10 साल में करीब 16% ही बढ़ रही है।

मुस्लिम मैरिज के लिए नया एक्ट

इससे पहले सीएम सरमा ने गुरुवार (18 जुलाई) को बताया कि मंत्रिमंडल ने मुस्लिम मैरिज एक्ट 1935 को रद्द करते हुए नए कानून बनाने को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि नए कानून से शादी और तलाक के नियमों में समानता आएगी। साथ ही बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर भी रोक लगेगी। नए कानून के बिल पर संसद के मानसून सत्र में चर्चा की जाएगी।

विधानसभा के मानसून सत्र में बिल पर चर्चा

सीएम सरमा ने गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमने बाल विवाह के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करने जा रहे हैं, जो बेटियों और बहनों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा। मौजूदा एक्ट लड़कियों को 18 और लड़कों को 21 साल की उम्र से पहले शादी करने की अनुमति देता है। मंत्रिमंडल को निर्देश दिए गए हैं कि असम में मुस्लिम मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए एक कानून लाया जाए, जिस पर विधानसभा के अगले सत्र में विचार किया जाएगा।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्ष ने फैसले को मुस्लिम भेदभावपूर्ण बताया। इससे पहले इसी साल फरवरी में असम सरकार के मंत्रिमंडल ने असम मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट एंड रूल्स ऑफ 1935 को रद्द करने पर सहमति व्यक्त की थी। इसे असम रिपीलिंग बिल 2024 के माध्यम से हटाया जाएगा। फरवरी में विपक्षी दलों ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कानून चुनावी साल में वोटरों का ध्रुवीकरण करने के लिए लाया गया है। कांग्रेस के विधायक अब्दुल रशीद मंडल ने कहा था कि चुनावी घड़ी में सरकार मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है। यह मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण निर्णय है।