कानपुर। कालिंदी एक्सप्रेस को सिलिंडर रखकर बेपटरी करने की साजिश की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, नए सबूत सामने आ रहे हैं। मंगलवार को एडीजी जीआरपी प्रकाश डी और डीआईजी राहुल राज मुंडेरी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और साजिश के संकेत दिए हैं। घटनास्थल पर मिली वस्तुएं एक सोची-समझी साजिश की ओर इशारा कर रही हैं।
फॉरेंसिक टीम की जांच में पता चला कि साजिशकर्ताओं ने ट्रैक के किनारे-किनारे ज्वलनशील पदार्थ का छिड़काव किया था ताकि मामूली चिंगारी भी बड़ी आग का रूप ले सके। फॉरेंसिक टीम को ज्वलनशील पाउडर, पेट्रोल, और माचिस भी घटनास्थल पर मिली हैं। अधिकारियों का मानना है कि साजिशकर्ताओं ने रेल लाइन पर बोल्डर हटाकर गड्ढा खोदा और उसमें गैस सिलिंडर रखा था। ज्वलनशील तरल पदार्थ और पाउडर का छिड़काव भी किया गया था।
इस बीच, कानपुर-फर्रुखाबाद रेलरूट पर कालिंदी एक्सप्रेस को बेपटरी करने की साजिश के मद्देनजर, इज्जतनगर मंडल के अधिकारी अब सक्रिय हो गए हैं। रेल रूट के प्रमुख स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं ताकि इस तरह की घटनाओं की निगरानी की जा सके।
केंद्रीय जांच एजेंसियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और देश भर में हुई ऐसी घटनाओं की जांच शुरू कर दी है। एजेंसियों को शक है कि इन घटनाओं का मकसद देश में अस्थिरता पैदा करना हो सकता है। गृह मंत्रालय ने इस पूरी घटना की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंप दिया है, और आईबी के अधिकारी कानपुर और आसपास के इलाकों में आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल्स की पहचान कर उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।
रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं और रेलवे, पुलिस, तथा केंद्रीय एजेंसियों के बीच लगातार समन्वय जारी है।