कानपुर में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान, पुलिस की सख्ती के कारण 69 परीक्षा केंद्रों में से 11 अभ्यर्थियों को फर्जीवाड़ा करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इनमें सॉल्वर और जन्मतिथि में फर्जीवाड़ा कर परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी शामिल हैं। इनमें से तीन अभ्यर्थियों के खिलाफ सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश-2024 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिससे अब उन्हें लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है और भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।

पुलिस की कड़ी निगरानी और बायोमेट्रिक चेकिंग के चलते परीक्षा में सेंधमारी की कोशिश नाकाम हो गई। परीक्षा के पांच दिनों में कुल 2,57,968 अभ्यर्थियों को शामिल होना था, लेकिन सख्ती के चलते 65,822 अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी। पकड़े गए 11 अभ्यर्थियों में से तीन को बायोमेट्रिक और अन्य चेकिंग चरणों में पकड़ा गया।

गिरफ्तार किए गए अभ्यर्थियों में हरेन्द्र कुमार, फहीम अली, योगेश सारस्वत, और प्रदीप सिंह शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2024 के तहत कार्रवाई की गई है, जो कि एक सख्त कानून है। इस कानून के तहत इन अभ्यर्थियों को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है और उनसे लाखों रुपए की वसूली भी की जा सकती है।