नई दिल्ली, एजेंसी। मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) से मुआवजे के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और नौ अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती, साले मल्लिकार्जुन स्वामी, जमींदार देवराज और छह अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत में डिप्टी कमिश्नर, तहसीलदार, डिप्टी रजिस्ट्रार और एमयूडीए अधिकारियों के भी शामिल होने का आरोप लगाया गया है। पुलिस शिकायत के अलावा कृष्णा ने कर्नाटक के राज्यपाल, राज्य के मुख्य सचिव और राजस्व विभाग के प्रधान सचिव को भी पत्र लिखकर अनियमितताओं की जांच की मांग की है। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और रिश्तेदारों ने एमयूडीए अधिकारियों के साथ मिलकर 50ः50 साइट वितरण योजना के तहत महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए हैं।

क्या है 50ः50 अनुपात भूमि आवंटन योजना?

यह योजना कर्नाटक में पिछली भाजपा और वर्तमान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान लागू की गई थी। भूमि आवंटन में विवाद इस कारण सुर्खियों में है क्योंकि कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की पत्नी 2021 में एमयूडीए की इस स्कीम में एक लाभार्थी थीं। इस स्कीम के तहत, मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण किसी भूमि पर आवासीय लेआउट विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण कर सकेगी। अधिग्रहण के बदले लैण्ड ओनर्स को 50ः जमीन किसी विकसित लोकेशन पर दिया जाएगा। लेकिन इस स्कीम पर बढ़ते विवाद के चलते 2023 में शहरी विकास मंत्री बैराठी सुरेश ने इसे वापस ले लिया था।

कब और क्या आरोप लगे?

केंद्र में भाजपा की सहयोगी जनता दल सेक्युलर के नेता और केंद्रीय मंत्री कुमारस्वामी ने दावा किया है कि मैसूरु में वैकल्पिक भूमि आवंटन योजना को लेकर विवाद कांग्रेस पार्टी में सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सीएम पद के लिए खींचतान का परिणाम है। भूमि आवंटन घोटाले का खुलासा एक एक्टिविस्ट ने करते हुए कहा कि पिछले चार वर्षों में 50ः50 योजना के तहत 6,000 से अधिक साइटें आवंटित की गई हैं। इस योजना के तहत, जिन लैण्ड ओनर्स की भूमि एमयूडीए द्वारा अधिग्रहित की गई है, उन्हें मुआवजे के रूप में अधिक मूल्य की वैकल्पिक साइटें आवंटित की गई हैं। ऐसे आरोप हैं कि मैसूरु में जिन लोगों की जमीन नहीं गई, उन्हें भी इस योजना के तहत अधिक मूल्य की वैकल्पिक साइटें दी गईं।

घोटाले की जांच की मांग की गई

5 जुलाई को एक्टिविस्ट कुरुबरा शांथकुमार ने गवर्नर को चिट्ठी लिखते हुए कहा कि मैसूर के डिप्टी कमिश्नर ने एमयूडीए को 8 फरवरी 2023 से 9 नवंबर 2023 के बीच 17 पत्र लिखे हैं और 27 नवंबर को शहरी विकास प्राधिकरण, कर्नाटक सरकार को 50ः50 अनुपात घोटाले और एमयूडीए कमिश्नर के खिलाफ जांच के लिए लिखा था।