वक्फ संशोधन बिल, 2024 को लेकर एक बार फिर भारत में सौ साल पहले के खिलाफत आंदोलन जैसा माहौल बनाने की कोशिश हो रही है। वक्फ और खिलाफत आंदोलन का चोली-दामन का साथ था। अगर हम वक्फ और खिलाफत आंदोलन के घटनाक्रम को एक साथ जोड़कर देखेंगे, तो इसे बेहतर समझ सकेंगे। इसकी शुरुआत 1895 में ब्रिटिश राज की एक न्यायिक कमेटी के कुछ निर्णयों के चलते हुई, जिसमें कहा गया था कि वर्तमान वक्फ सिस्टम सर्वाधिक बुरा और हानिकारक है। यह टिप्पणी ब्रिटिश हुकूमत के अंतर्गत भारत सहित कई देशों में प्रचलित वक्फ व्यवस्था पर थी। अन्य देशों ने इसे स्वीकार कर सुधार का रास्ता चुना, लेकिन भारत में मुस्लिम कट्टरपंथियों से सौदा करने के इरादे से अंग्रेज सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।

अंग्रेजों की योजना से इसे मुद्दा बनाकर कुछ कट्टरपंथी जमातों ने इस्लाम की रक्षा के नाम पर मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में विरोध शुरू कर दिया। प्रथम विश्व युद्ध (वर्ष 1914-18) के बाद ऑटोमन साम्राज्य और उसकी स्वघोषित इस्लामी खलीफा व्यवस्था के खात्मे से परेशान तुर्किये के लोगों द्वारा ‘तुर्किये गणराज्य’ की स्थापना को कुछ इस्लामी कट्टरपंथी जमातों ने अंग्रेजों की साजिश और इस्लाम पर हमला प्रचारित कर अंतरराष्ट्रीय इस्लाम बचाओ अभियान शुरू कर दिया। इसका अन्य देशों में तो कोई खास असर नहीं हुआ, पर भारत में यह काफी असरदार दिखा।

तब तक जिन्ना इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल के बंबई से सदस्य चुने जा चुके थे, जिसे ब्रिटिश हुकूमत में विधायी अधिकार थे। जिन्ना ने अंग्रेजों से साठगांठ कर काउंसिल में ‘मुसलमान वक्फ वैलिडेटिंग बिल, 1913’ पास करा लिया, जिसका विस्तार और अधिक शक्तियों के साथ 1923 में ‘मुसलमान वक्फ एक्ट’ के रूप में हुआ। इस तरह अंग्रेजों ने सोची-समझी साजिश के तहत जिन्ना और मुस्लिम लीग को सांप्रदायिक सियासत का कानूनी हथियार थमा दिया। इसमें कहा गया कि कोई भी मुसलमान अपने परिवार, बच्चों, आश्रितों के आंशिक या पूर्ण समर्थन के लिए वक्फ बना सकता है। यह वक्फ व्यवस्था को निरंकुश बनाने के साथ रजवाड़ों, रियासतों, नवाबों के दान के नाम पर अथाह संपत्तियों को वक्फ का सुरक्षा कवच पहनाकर बचाने और मालिकाना हक कायम रखने की मंशा से प्रभावित था।

प्रथम विश्व युद्ध के बाद वक्फ मुद्दे को और धारदार बनाने के लिए मुस्लिम लीग और अन्य कट्टरपंथी नेताओं ने भारत में 1919 में खिलाफत कमेटी बनाई, जिसका कांग्रेस ने भी समर्थन किया।