हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 10 राज्यों में 12 औद्योगिक स्मार्ट सिटी विकसित करने की योजना को मंजूरी दी गई है, जो समय की आवश्यकता थी। इस योजना के अंतर्गत उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, और हरियाणा में नए औद्योगिक शहर स्थापित किए जाएंगे। ये शहर प्रमुख औद्योगिक गलियारों के आसपास विकसित होंगे, जिससे अनुमानित 1.50 लाख करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश आकर्षित होगा और 10 लाख प्रत्यक्ष तथा 30 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां उत्पन्न होंगी।

हालांकि, यह कहना कठिन है कि ये शहर कब तक स्थापित हो सकेंगे और देश को उनसे कब तक लाभ मिलेगा, क्योंकि अक्सर सरकारी परियोजनाएं तय समय में पूरी नहीं हो पाती हैं। इस योजना की सफलता के लिए सरकार को विशेष प्रयास करने होंगे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना सही समय पर और सुचारू रूप से हो सके। इसके अलावा, इन शहरों की सफलता में निजी क्षेत्र का सहयोग महत्वपूर्ण होगा, जो तभी संभव है जब इन शहरों में निजी क्षेत्र को निवेश के अवसर दिखाई देंगे।

कुछ प्रस्तावित औद्योगिक शहरों की भौगोलिक स्थिति, जो बड़े शहरों से दूर हैं, एक चुनौती पेश कर सकती है। कुशल कारीगर और प्रबंधन के दक्ष लोग क्या इन स्थानों पर रहना चाहेंगे, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। देश को इन नए औद्योगिक शहरों की आवश्यकता है, लेकिन उनकी सफलता इस पर निर्भर करेगी कि वहां उद्योगों की स्थापना और नागरिक सुविधाओं के लिए उपयुक्त आधारभूत ढांचे का निर्माण कैसे और कब तक होता है। जब तक इन शहरों में पर्याप्त संख्या में उद्योग स्थापित नहीं होते और पर्याप्त नागरिक आबादी नहीं बसती, तब तक वे व्यापक आकर्षण का केंद्र नहीं बन पाएंगे।