नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को ‘इंडियन मेडिसिंस फार्मास्यूटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (आईएमपीसीएल) के निजीकरण की कथित योजनाओं को लेकर नरेन्द्र मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की। प्रियंका गांधी ने सवाल किया कि इस मुनाफे में चल रही इकाई को बेचने का उद्देश्य “चुनिंदा मित्रों की तिजोरियां भरने” के अलावा और क्या हो सकता है। यह टिप्पणी उन खबरों के बीच आई है जिनमें कहा गया है कि सरकार इस दवा कंपनी के विनिवेश की योजना बना रही है, जिससे स्थानीय निवासियों और छोटे किसानों की आजीविका प्रभावित हो सकती है।

प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मुनाफे में चल रही मिनी रत्न दवा कंपनी को बेचने के पीछे सरकार की मंशा क्या है?” उन्होंने आगे बताया कि अल्मोड़ा, उत्तराखंड के मोहान में स्थित आईएमपीसीएल को 1978 में केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर स्थापित किया था। यह आयुर्वेद और यूनानी दवाओं का प्रमुख कारखाना है, जो देशभर और विदेशों में भी दवाओं की आपूर्ति करता है।

प्रियंका गांधी ने जानकारी दी कि पिछले साल इस कंपनी को 18 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था और यह 6 करोड़ रुपये का लाभांश सरकार को देने की तैयारी कर रही है। इसके अलावा, इस इकाई में 500 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं और हजारों छोटे किसान अपनी उपज और कच्चे माल की आपूर्ति इस कारखाने में करते हैं। उन्होंने सरकार की योजना की आलोचना करते हुए कहा कि मुनाफे में चल रहे दवा कारखाने को बेचने की योजना, आयुर्वेद और आयुष को बढ़ावा देने के पाखंड की सच्चाई को उजागर करती है।