नयी दिल्ली, (एजेंसी):
उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका को सशर्त मंजूरी दे दी। यह मामला परिवहन विभाग में कर्मचारियों की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं से संबंधित धन शोधन से जुड़ा है। न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद पूर्व मंत्री की जमानत याचिका स्वीकार की।
शीर्ष अदालत ने 12 अगस्त को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था। पीठ ने मुकदमे की सुनवाई में देरी के आधार पर बालाजी की याचिका को मंजूरी दी। मद्रास उच्च न्यायालय ने 28 फरवरी को और उससे पहले सत्र न्यायालय ने बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिलने पर उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) नेता वी सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 14 जून 2023 को धनशोधन के मामले में गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ आरोप था कि तमिलनाडु परिवहन विभाग में बस कंडक्टरों, ड्राइवरों, और जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति में कथित अनियमितताएं हुईं थीं। ईडी ने इसी मामले से जुड़े धनशोधन का केस दर्ज किया था। यह कथित अनियमितताओं का मामला 2011 से 2015 की अवधि में उनके परिवहन मंत्री के कार्यकाल के दौरान का है।