कानपुर। 43 वर्षीय नौकरीपेशा संजय, जो तीन साल पहले कोविड की चपेट में आए थे, अब बदलते मौसम के कारण वायरल संक्रमण से परेशान हैं। बलगम के साथ खांसी और सांस लेने में दिक्कत जैसी शिकायतें उन्हें महीनेभर से हो रही हैं। इसी तरह 56 वर्षीय मधु, जो पहले कोविड से प्रभावित थीं, अब वायरल संक्रमण के कारण खांसी और सांस फूलने की समस्या से जूझ रही हैं।
यह समस्या केवल इन दो मामलों तक सीमित नहीं है। शहर के हैलट, चेस्ट हॉस्पिटल, उर्सला समेत विभिन्न अस्पतालों में कई पोस्ट कोविड मरीज आ रहे हैं, जिन्हें अब वायरल संक्रमण ने प्रभावित किया है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना 70 से 80 पोस्ट कोविड मरीज आ रहे हैं, जिनमें से 50% मरीज 40 से 45 साल की आयु के हैं।
उर्सला के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. शैलेंद्र तिवारी के अनुसार, इन मरीजों में लंबे समय तक खांसी और सांस लेने में दिक्कत की समस्या देखने को मिल रही है, जो वायरल की चपेट में आने के बाद और गंभीर हो जाती है। मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. एसके गौतम के अनुसार, पोस्ट कोविड मरीजों को पूरी तरह से स्वस्थ होने में महीनेभर से ज्यादा समय लग सकता है। बुखार तो आठ से दस दिनों में ठीक हो रहा है, लेकिन खांसी और सांस लेने की समस्या में राहत पाने में अधिक समय लग रहा है।