कानपुर। 2022 में बाइक चोरी के मामले में पकड़े गए पांच युवकों के एक आरोपी द्वारा की गई शिकायत पर कोर्ट ने तत्कालीन एसओजी प्रभारी और चार पुलिसकर्मियों पर लूट, एससी/एसटी अधिनियम समेत कई धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में युवक ने पुलिस टीम पर उसे झूठे आरोप में फंसाने का आरोप लगाते हुए कोर्ट की शरण ली थी।
कोर्ट के आदेश के अनुसार, तत्कालीन एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, सिपाही शोभित कटियार, प्रशांत पांडेय, और आशुतोष नवीन मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना 1 नवंबर 2022 की है, जब अकबरपुर थाने के सब इंस्पेक्टर शोभित कटियार और एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम ने 10 सिपाहियों की टीम के साथ ओवरब्रिज के नीचे खड़े पांच युवकों—राहुल वर्मा, कपिल, प्रदीप, रोहित, और अखिलेश—को चोरी की बाइकों के साथ पकड़ा था। पुलिस के अनुसार, उनकी निशानदेही पर सात और बाइकें और एक स्कूटी बरामद की गई थी, साथ ही उनके पास से दो तमंचे भी बरामद किए गए थे।
इन युवकों को जेल भेजा गया था, लेकिन जेल से छूटने के बाद रोहित ने कानपुर देहात के एससी/एसटी कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई। उसने आरोप लगाया कि 31 अक्टूबर 2022 को कुछ पुलिसकर्मी उसे घर से उठाकर बाइक चोरी के आरोप में फंसा दिया। जब उसका भाई पैरवी करने थाने पहुंचा तो पुलिस ने 25,000 रुपये की मांग की। रकम न देने पर उसे जेल भेज दिया गया।
रोहित की इस शिकायत पर कोर्ट ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया, और अब घाटमपुर थाने में उनके खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज हो चुका है।