महाराष्ट्र (एजेंसी)। महाराष्ट्र की पूर्व प्रशिक्षु आईएएस पूजा खेडकर की मुश्किलें और बढ़ने की संभावना है क्योंकि दिल्ली पुलिस ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में एक और स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है। दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि खेडकर द्वारा प्रस्तुत विकलांगता के दावे फर्जी हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खेडकर ने विकलांगता प्रमाणपत्र में अपना नाम बदल दिया था।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की जांच से पता चला है कि खेडकर द्वारा प्रस्तुत विकलांगता प्रमाणपत्र फर्जी हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, खेडकर ने 2022 और 2024 में दो विकलांगता प्रमाणपत्र जमा किए, जो कथित तौर पर महाराष्ट्र के अहमदनगर में मेडिकल अथॉरिटी द्वारा जारी किए गए थे। हालांकि, सत्यापन के बाद, मेडिकल अथॉरिटी ने इन प्रमाणपत्रों को जारी करने से इनकार कर दिया और कहा कि ये प्रमाणपत्र उनके द्वारा जारी नहीं किए गए थे।

दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते खेडकर की गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा बढ़ा दी थी, जो अगली सुनवाई की तारीख 5 सितंबर, 2024 तक प्रभावी है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और दिल्ली पुलिस दोनों ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए खेडकर की याचिका को खारिज करने की मांग की थी।

खेडकर ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की प्रक्रिया में कोई गलत बयानी या धोखाधड़ी नहीं की है। यूपीएससी ने खेडकर पर आयोग और जनता के खिलाफ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है और कहा है कि इस धोखाधड़ी की जांच के लिए उसकी हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।