कानपुर। कानपुर में वसूली के मामलों में नामजद 25 हजार के इनामी कमलेश फाइटर को आखिर 11 दिन बाद बांदा नरैनी स्थित ससुराल से साले सूरज उर्फ मजनू के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने लखनऊ, बांदा, सागर, ललितपुर, ओरछा, चित्रकूट और प्रयागराज तक करीब 1100 किलोमीटर का सफर तय किया। राहत पाने के लिए उसने लखनऊ में कई रसूखदारों और प्रयागराज में अधिवक्ताओं से भी संपर्क करने का प्रयास किया। कुछ दिन पहले गिरफ्तार हुए गुरु संजय पाल उर्फ दद्दा की मुखबिरी पर पुलिस ने उसे धर दबोचा।

रविवार रात हुई गिरफ्तारी के बाद उससे अधिकारियों ने लंबी पूछताछ की, जिसमें पुलिस को कई साथियों के नाम पता चले हैं। अब पुलिस इन नामों का सत्यापन कर रही है। वहीं पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों को सोमवार को अदालत में पेश किया, जहां सुनवाई के बाद जेल भेज दिया गया। बता दें, कमलेश फाइटर व उसके साले को पुलिस ने एकता अपार्टमेंट रंजीतनगर नजीराबाद निवासी हरप्रीत सिंह की वसूली व रंगदारी मांगने की रिपोर्ट पर गिरफ्तार किया है। इस मामले में नजीराबाद क्षेत्र के लक्ष्मीरतन कालोनी निवासी कमलेश पर पीड़ित से 25 हजार वसूलने व पांच लाख रुपये मांगने के आरोप हैं।

कहा गया था कि वसूली के दौरान कमलेश ने हरप्रीत की कनपटी पर तमंचा तान दिया था। कमलेश की गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने उसके गुरु संजय पाल उर्फ दद्दा को गिरफ्तार कर पूछताछ की थी, जिसमें उसने ही पुलिस को कमलेश के नरैनी स्थित ससुराल में छिपे होने की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस की छह टीमें रविवार को बांदा पहुंच गईं और उसे गिरफ्तार कर लिया।

मोबाइल और तमंचा बरामद कराने के लिए रिमांड पर लेगी पुलिस

कमलेश ने फरारी के दौरान अपना मोबाइल फोन कहीं छिपा दिया है। इसकी जानकारी उसने पुलिस पूछताछ में भी नहीं दी है। साथ ही घटना में इस्तेमाल हुआ तमंचा भी अभी तक बरामद नहीं हो सका है। एडीसीपी सेंट्रल महेश कुमार ने कहा कि दोनों चीजों की बरामदगी के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड ली जाएगी।