कानपुर। उन्नाव में गंगा में डूबे जज के पति आदित्यवर्धन सिंह की तलाश दूसरे दिन भी जारी है। इस बीच, डीसीपी राजेश सिंह ने बताया कि सेल्फी के चक्कर में हादसा हुआ। आदित्यवर्धन सिंह ओवर कॉन्फिडेंस में सेल्फी खिंचाने के लिए गहरे पानी में चले गए। उन्होंने रस्सी की उस लाइन को क्रॉस किया, जो हमने खींच रखी थी। आदित्यवर्धन ने दोस्तों से कहा कि सूर्य को अर्घ्य देते हुए फोटो क्लिक कीजिएगा। वह गहरे पानी में फंसकर तेज बहाव में बह गए। उन्हें तैरना आता था, लेकिन बाहर नहीं आ पाए। अब तक 6 किमी एरिया में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ के 30 गोताखोर उनकी तलाश में लगे हैं।

इधर, डिप्टी डायरेक्टर के परिवार के सदस्य मौके पर पहुंच गए हैं। मां-पिता को ऑस्ट्रेलिया से फ्लाइट का टिकट नहीं मिला। वो कल आएंगे। रविवार सुबह 7 बजे फिर से रेस्क्यू शुरू हुआ। आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) वाराणसी में हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर तैनात हैं। उनकी पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला में जज हैं। चचेरे भाई अनुपम सिंह बिहार कैडर में सीनियर आईपीएस हैं। वह बिहार सीएम के निजी सचिव भी हैं। आदित्यवर्धन बांगरमऊ क्षेत्र के कबीरपुर गांव के मूल निवासी हैं। वे लखनऊ के इंदिरानगर में रहते थे। शनिवार को आदित्यवर्धन मोहल्ले के दो दोस्तों प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा के साथ कार से बिल्हौर (उन्नाव) के नानामऊ घाट पर गंगा स्नान करने पहुंचे। नहाते वक्त डूब गए।

दोस्त प्रदीप तिवारी ने आरोप लगाया कि घटना के बाद मैंने चिल्लाकर गोताखोर को बुलाया। वह 10 हजार रुपए मांगने लगा। मैं हाथ जोड़ता रहा, लेकिन वह पहले पैसा देने की जिद पर अड़ा रहा। कैश नहीं था, इसलिए मैंने 10 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किए। लेकिन, तब तक आदित्यवर्धन सिंह गंगा में बह गए। पैसे ट्रांसफर हुए तो गोताखोर ने नदी में छलांग लगाई, लेकिन सफलता नहीं मिली।

तैराक शैलेश कश्यप ने बताया कि घाट के किनारे मेरी दुकान है। 5-6 गोताखोर मेरी दुकान में बैठे थे। यहां पर उन्होंने डूबने वाले के दोस्तों से बात की। उनके पास नकद पैसा नहीं था, इसलिए ऑनलाइन मेरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर किया गया। बाद में हमने पैसा वापस कर दिया। विधायक जी आए थे, वह नाराज हो रहे थे कि पैसे क्यों लिए?

आदित्यवर्धन के चचेरे साले अनिकेत सिंह ने बताया कि वह नहाने पानी में गए तो मौके पर मौजूद पंडा ने कहा कि आप आगे न जाएं। उन्होंने कहा कि मुझे तैरना आता है। इतना कह कर वह नहाने लगे। फिर अचानक डूबने लगे। दोस्तों ने पास में मौजूद लोगों से कहा बचा लो। उन्होंने कहा कि जब तक पैसा नहीं मिल जाता, हम नदी में नहीं कूदेंगे। उन्हें पैसा दिया गया। लेकिन तब तक वह डूब चुके थे।

आदित्यवर्धन की बहन ऑस्ट्रेलिया में बड़े पद पर तैनात हैं। उनके पिता रमेश चंद और मां शशि प्रभा कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया गए थे। पिता नहर विभाग में जेई पद से रिटायर हैं। कजिन योगेंद्र सिंह नीरज आईपीएस अफसर हैं। वे गोरखपुर के गुरु गोरखनाथ मंदिर सर्किल के सीओ हैं।