कानपुर। गली, मोहल्लों के नए पार्षद बने नेता जी जब पहली बार नगर निगम पहुंचते हैं तो उनको यह नहीं समझ आता कि क्षेत्र की समस्याओं को कैसे दूर कराया जाये। जनता के सामने कैसे पेश आएं। किस अधिकारी से मिले व किस पटल पर अपनी बात रखें। कई पार्षदों को तो पत्र लिखने में भी हिचकिचाहट होती है। सभी को मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाया गया। महापौर प्रमिला पांडेय ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

नगर निगम लगातार जाते-जाते व वरिष्ठ पार्षदों के सहयोग से वह कामकाज सीख पाते हैं। लेकिन, इस दौरान वह अपने सीमित पांच साल के कार्यकाल के शुरुआती महीनों को जाया कर बैठते हैं। नये पार्षदों की इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिये कानपुर के सभी 110 पार्षदों को आज और कल कार्यशाला आयोजित की गई। इस दौरान एक्सपर्ट ‘जनता के मुद्दों’ को उठाना भी सिखाया गया। हालांकि कार्यशाला में आधे भी पार्षद नहीं पहुंचे।

संस्था की प्रोग्राम डायरेक्टर प्रियंका शर्मा ने अपनी टीम के साथ महापौर प्रमिला पांडेय से मुलाकात कर कार्यशला के बिंदु रखे थे। जिसके बाद महापौर ने अपनी सहमति जताई थी। संस्था की पूजा ने बताया कि क्षमता निर्माण कार्यशाला को दो सत्रों में विभाजित किया गया।

कार्यशाला को 2 स्तर में बांटा गया है। 74वां संविधान संशोधन और इसकी स्थिति तथा भूमिकाओं के साथ ही पार्षदों के उत्तरदायित्व की जानकारी दी गई। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 और इसकी समझ से सभी पार्षदों को जानकारी दी गई। वहीं दूसरे सत्र में नगरपालिका वित्त, बजट प्रतिक्रियाएं और भारतीय शहरों में सर्वोत्तम प्रथाएं, सरकार द्वारा शहरी योजनाएं और नगर निगम से जुड़े विभागों की जानकारी व कार्य की सीख दी गई। बैठक में पार्षद विकास जायसवाल, अभिषेक गुप्ता मोनू, नीरज बाजपेई, लियाकत अली, अभय ऋचा शुक्ला, संतोष शाहू समेत अन्य पार्षद मौजूद रहे।