कानपुर – रविवार को कानपुर में मौसम सुहाना होने के चलते गंगा घाटों पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। हालांकि गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है और अटल घाट पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है, बावजूद इसके सैकड़ों लोग नहाने के लिए जुट गए। जिला प्रशासन और पुलिस ने अटल घाट समेत सभी घाटों पर बैरिकेडिंग लगा दी है ताकि लोग स्नान के लिए घाटों पर न जा सकें। सभी घाटों पर स्नान पर प्रतिबंध के बोर्ड भी लगाए गए हैं। बावजूद इसके लोग अपने जीवन को जोखिम में डालने से बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं पुलिस प्रशासन भी मूक दर्शक बना हुआ है।

पहाड़ों पर बारिश और नरौरा, हरिद्वार से भारी मात्रा में गंगा में छोड़े जा रहे पानी से कानपुर में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। रविवार को गंगा का जलस्तर चेतावनी पॉइंट से करीब 10 सेमी. दूर रह गया। यहां चेतावनी पॉइंट 113 मीटर पर है। अटल घाट के नीचे का हिस्सा पूरी तरह डूब चुका है और यहां करीब 20 फीट तक पानी चढ़ा हुआ है। भैरवघाट और सरसैया घाट की सीढ़ियां भी डूब गई हैं।

कानपुर में बैराज में जलस्तर को मेंटेन करने के लिए भारी मात्रा में पानी को छोड़ा जा रहा है। रविवार को कानपुर से 2 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जबकि हरिद्वार और नरौरा से कम पानी छोड़ा जा रहा है। गंगा बैराज के सभी 30 गेट पूरे खोल दिए गए हैं।

  1. प्रशासनिक चुनौती: प्रशासन ने रोक लगाने के बावजूद लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने में असफलता पाई है। इसके लिए और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
  2. सुरक्षा उपाय: लोगों की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियानों के साथ-साथ सख्त निगरानी की जरूरत है। घाटों पर बैरिकेडिंग और प्रतिबंध के बोर्ड पर्याप्त नहीं हैं; पुलिस की सक्रियता बढ़ानी होगी।
  3. जलस्तर की स्थिति: गंगा का जलस्तर चेतावनी पॉइंट के करीब पहुंच गया है, जिससे जलभराव की समस्या गंभीर हो गई है। प्रशासन को इस पर ध्यान देना होगा और लोगों को सचेत करना होगा।
  4. समुदाय की भूमिका: समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करना होगा। अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गंगा में स्नान करने से बचना चाहिए।

यह समय है कि प्रशासन और जनता मिलकर इस स्थिति का समाधान करें ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके और सभी सुरक्षित रहें।