जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा कि जनपद के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर ईसीसीई किट जिसमें शिक्षा सामग्री एवं प्री स्कूल किट शामिल है, मौजूद होनी चाहिए। इसके अलावा सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर वजन मापने, लंबाई नापने आदि हेतु उपकरण मौजूद होने चाहिए। बच्चों के लिए खिलौने व पीने के लिए स्वच्छ पानी, शौचालय आदि की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति अवश्य होनी चाहिए।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी व जिला बेसिक शिक्षा के अधिकारियों को सभी गर्भवती महिलाओं का वजन ट्रैकिंग रजिस्टर बनाने, पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम के सफल आयोजन कराने, डिलीवरी प्वाइंट का प्रचार प्रसार करने, कुपोषित बच्चों को एनआरसी भेजने, पोस्ट ऑफिस से बच्चों का आधार बनवाने, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को ट्रेनिंग देने, सुपरवाइजर द्वारा नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने आशा आंगनबाडी कार्यकत्री आपस में समन्वय बनाकर महिलाओं को जागरुक करके उन्हें स्वास्थ्य लाभ और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के निर्देश दिये।
बैठक में संभव अभियान के अन्तर्गत पोषण संवर्धन की ओर एक कदम के आधार पर माह जून से सितम्बर 2024 तक आंगनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा सैम की पहचान तथा प्रत्येक माह वजन एवं लम्बाई/ ऊँचाई लेना, प्रत्येक माह पोषण ट्रैकर पर फीडिंग/ रिपोर्टिंग करना आदि के संबंध में गहन समीक्षा की गई, तथा सभी संबंधित अधिकारियों को शतप्रतिशत कार्य करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी एम.अरुन्मोली, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आदित्य वर्मा, एसीएमओ डाक्टर सीके वर्मा, परियोजना निदेशक डीआरडीए चन्द्र शेखर, डीसी एनआरएलएम, डीसी मनरेगा, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, अपर जिला पंचायत राज अधिकारी, समस्त सीडीपीओ, सुरवाइजर, यूनीसेफ संस्था के पदाधिकारी, तथा अन्य सभी संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।