फतेहपुर। सदर कोतवाली क्षेत्र के पक्के तालाब के पास स्थित एक अस्पताल में 34 वर्षीय एक महिला की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा काटा। इस दौरान परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल रहा। वहीं बाद में पुलिस के सामने दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया और परिजन महिला के शव को लेकर चले गए।
सूत्रों की माने तो हुसैनगंज थाने के मर्होई गांव की रहने वाली किस्मतुन अपनी बेटी की शादी गाजीपुर डेरा में की थी जिसके तीन बेटियां थीं और फिर से उसे डिलीवरी होनी थी। वहीं 5 महीने पहले जरीन के पति अली अहमद की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी और जरीन अपनी मां के साथ मर्होई गांव यानि मायके में रहती थी। इधर जब उसकी डिलीवरी होनी थी तो जरीन को लेकर उसकी मां सदर अस्पताल गई, लेकिन वहां से उसे डॉक्टर ने रेफर कर दिया गया। आरोप है कि आशा बहू के सहारे जरीन को पक्के तालाब स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सूत्रों की माने तो अस्पताल के डॉक्टर ने खून की कमी बताई और कहीं और ले जाने को कहा लेकिन मरीज की हालत ठीक न होने के चलते उसे यहीं पर भर्ती किया गया और फिर जरीन के ऑपरेशन से जुड़वा बच्चियां हुईं। सब कुछ ठीक-ठाक था लेकिन ऑपरेशन के तीन घंटे बाद जरीन की दर्दनाक मौत हो गई। इसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। मौके पर पुलिस भी पहुंची लेकिन पुलिस के सामने ही आपसी समझौता हो गया और परिजन शव को लेकर चले गए।
सवाल उठते हैं:
तो क्या हंगामा केवल आपसी समझौता के लिए हो रहा था? यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है।