कानपुर। बलिया में छापेमारी और फिर बड़ी कार्रवाई के बाद से यूपी में हलचल मची है। कानपुर में भी एडीएम सिटी और डीसीपी सेंट्रल ने शुक्रवार को आरटीओ दफ्तर में छापा मारा। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की छापामारी होते ही दलाल दीवार फांदकर भागने लगे। पुलिस ने घेराबंदी करके 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद 16 दलालों को गिरफ्तार कर लिया गया, बाकी को छोड़ दिया गया।

दोनों गेट बंद कराकर दौड़ा-दौड़ाकर दलालों को पकड़ा

डीसीपी सेंट्रल राजेश कुमार सिंह और एडीएम सिटी राजेश कुमार ने दो एसीपी और छह थानों की फोर्स के साथ आरटीओ में शुक्रवार दोपहर को छापा मारा। इस दौरान आरटीओ ऑफिस के दोनों मेन गेट को बंद करा दिया गया। आरटीओ के बाहर से लेकर अंदर तक घेराबंदी करके 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि कई दीवार कूदकर भाग निकले। जांच में सामने आया कि इनमें 16 दलाल थे, जिनके हाथों में आरटीओ से जुड़े कई लोगों के दस्तावेज मिले हैं। इन सभी को पुलिस ने हिरासत में लिया है।

डीसीपी सेंट्रल राजेश सिंह ने बताया कि दलालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। अवैध रूप से आरटीओ में पकड़े गए हैं। उनके पास कई लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित दस्तावेजों के साथ ही अन्य कागजात मिले हैं।

छापेमारी की औपचारिकता, छापे से पहले सूचना लीक

पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की छापेमारी महज एक खानापूर्ति के तौर पर सामने आई। आरटीओ के बड़े दलालों के दफ्तर पहले से ही बंद थे। कई बड़े दलाल भी आरटीओ से गायब थे। इससे स्पष्ट है कि छापेमारी की सूचना लीक हो गई थी। इसके चलते आरटीओ में दलाली का मकड़जाल फैलाने वाली बड़ी मछलियां बच गईं और छोटों पर गाज गिरी है। डीसीपी ने बताया कि यह कोई अंतिम कार्रवाई नहीं है। लगातार छापेमारी और कार्रवाई जारी रहेगी।