फतेहपुर: एक महिला ने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने पति को मौत के पंजे से बचाकर नारी सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण पेश किया। किशनपुर थाना क्षेत्र के इटरौरा गांव में एक गंभीर स्थिति में पत्नी ने पति की जान बचाई, जिससे स्थानीय समुदाय और अधिकारियों में महिला के साहस की व्यापक सराहना हो रही है।

घटना का विवरण: इटरौरा गांव के निवासी पप्पू निषाद और उनकी पत्नी केसिया देवी के बीच मामूली विवाद हुआ। इस विवाद के बाद पप्पू ने शराब पीकर इटरौरा बिजली के हाई-टेंशन टावर पर चढ़ने का निर्णय लिया और वहां इंसुलेटर पर बैठ गया। विद्युत लाइन चालू होने के कारण यह स्थिति अत्यंत खतरनाक थी।

पत्नी केसिया देवी ने पहले तो पप्पू को समझाने का प्रयास किया और गांव के लोग भी इस प्रयास में शामिल हुए। हालांकि, पप्पू नशे की हालत में था और नीचे उतरने का नाम नहीं ले रहा था। इसके बाद, पत्नी केसिया ने खुद को इस स्थिति से उबारने के लिए टावर पर चढ़ाई और पति को समझाने का प्रयास किया।

साहसिक प्रयास: सूचना मिलने पर पुलिस, फायर ब्रिगेड की टीम और खागा सीओ बृजमोहन राय भी मौके पर पहुंचे और पप्पू को उतारने के प्रयास में जुट गए। विद्युत विभाग के अधिकारियों ने भी पावर हाउस से संपर्क करके विद्युत लाइन को बंद करवा दिया। रात्रि 11 बजे तक, फायर ब्रिगेड की टीम के सहयोग से पप्पू को टावर से नीचे उतारा गया।

समाज में सराहना: पत्नी केसिया देवी के साहसिक प्रयासों की हर जगह सराहना हो रही है। लोगों ने उसे ‘कलयुग की सावित्री’ के रूप में वर्णित किया, जिसने अपने पति की जान बचाने के लिए अपने जीवन की परवाह नहीं की। इस घटना ने नारी सशक्तिकरण की अवधारणा को एक नई दिशा दी है और महिला की बहादुरी की व्यापक प्रशंसा की जा रही है।