चौपाल संवाद, गोण्डा – जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने जनपद में चकबंदी वादों के निस्तारण में देरी पर कड़ी कार्यवाही की है। उन्होंने बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी समेत सभी तीनों चकबंदी अधिकारियों को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है। जवाब न मिलने पर इनके खिलाफ कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
पिछला निर्देश
जिलाधिकारी ने 18 जून को एक पत्र जारी कर जनपद के चकबंदी न्यायालयों में लंबित वादों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी पीठासीन अधिकारियों को प्रतिदिन न्यायालय में उपस्थित रहकर एक वर्ष से अधिक समय से लंबित पुराने वादों का दो सप्ताह के अंदर निस्तारण करने के निर्देश दिए थे।
वर्तमान स्थिति
मंगलवार को प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के न्यायालय में अब तक मात्र 170 वाद निस्तारित किए गए हैं, जबकि अभी भी 906 वाद निस्तारण हेतु अवशेष हैं। इसी तरह, चकबंदी अधिकारी पुराना के न्यायालय में 609, चकबंदी अधिकारी नवीन के न्यायालय में 630 और चकबंदी अधिकारी करनैलगंज के न्यायालय में 154 वाद लंबित हैं।
जिलाधिकारी का सख्त संदेश
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि शासन के बार-बार निर्देशित किए जाने के बाद भी चकबंदी वादों के निस्तारण में रुचि नहीं ली जा रही है, जो कि शासकीय कार्यों के प्रति लापरवाही और उदासीनता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि चकबंदी वादों का समय पर निस्तारण शासन की प्राथमिकता में है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कार्रवाई की चेतावनी
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। जिलाधिकारी का यह कदम प्रशासनिक सुधार और जनता को त्वरित न्याय दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
जिलाधिकारी नेहा शर्मा का यह कदम जनपद में प्रशासनिक सुधार और चकबंदी वादों के त्वरित निस्तारण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह न केवल प्रशासनिक प्रणाली में सुधार लाएगा बल्कि जनता के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी और जवाबदेही को भी सुनिश्चित करेगा।