नई दिल्ली – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट पेश किए जाने के एक दिन बाद, कांग्रेस सांसद पी. चिदंबरम ने बुधवार को राज्यसभा में अपने भाषण में सरकार से पांच सवाल पूछे। चिदंबरम, जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया था, ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल किए और सुझाव दिए।
चिदंबरम के सवाल और सुझाव
- दैनिक न्यूनतम मजदूरी: पी. चिदंबरम ने सरकार से 400 रुपये की दैनिक न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
- एमएसपी की कानूनी गारंटी: उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी प्रदान करने की मांग की, जो 2020 से विरोध कर रहे किसानों की मुख्य मांग है।
- महंगाई और बेरोजगारी: चिदंबरम ने भाजपा नीत केंद्र सरकार को आगाह किया कि अगर बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर लगाम नहीं लगाई गई तो देश की जनता सत्तारूढ़ दल को चुनावों में दंडित करती रहेगी, जैसा हाल के उपचुनावों में हुआ था।
- शिक्षा ऋण माफी: उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार से मार्च तक शिक्षा ऋण की बकाया राशि को माफ करने की मांग की।
- अग्निपथ योजना और एनईईटी परीक्षा: चिदंबरम ने विवादास्पद अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना को खत्म करने और उन राज्यों के लिए मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनईईटी परीक्षा को रद्द करने की भी मांग की, जो इसे नहीं चाहते हैं।
चिदंबरम का तंज
चिदंबरम ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, “कृपया, कुछ और कॉपी करें।” उनका यह बयान सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की आलोचना के रूप में देखा गया।
महंगाई और बेरोजगारी पर चेतावनी
पी. चिदंबरम ने बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी पर सरकार को चेतावनी दी कि अगर इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया तो इसका खामियाजा चुनावों में उठाना पड़ सकता है। उन्होंने हाल के उपचुनावों का उदाहरण देते हुए कहा कि जनता ने सत्तारूढ़ दल को दंडित किया है।
निष्कर्ष
पी. चिदंबरम के सवाल और सुझाव सरकार की नीतियों और बजट के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उनकी चेतावनी और मांगें सरकार के लिए गंभीर चिंतन का विषय हो सकती हैं, विशेष रूप से आगामी चुनावों के मद्देनजर। यह स्पष्ट है कि विपक्ष इन मुद्दों को जनता के सामने प्रमुख रूप से उठाने की योजना बना रहा है।