भुवनेश्वर – ओडिशा के बालासोर में बुधवार को एक मिसाइल की टेस्टिंग होनी है, जिसके लिए 10 गांवों के 10 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। मिसाइल की टेस्टिंग बालासोर के चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्टिंग रेंज (ITR) के लॉन्च पैड-3 से होगी।
मिसाइल टेस्टिंग का विवरण
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने फिलहाल मिसाइल से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा नहीं की है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मिसाइल टेस्टिंग से पहले अलग-अलग चरणों में तैयारी की जाती है। इसमें यह तय किया जाता है कि जमीन पर कितनी दूरी तक मिसाइल का प्रभाव पड़ेगा। इसी प्रक्रिया के तहत DRDO ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। उन्हें मुआवजे के रूप में 300 रुपए भी दिए गए हैं, हालांकि ग्रामीणों ने इस मुआवजे पर नाराजगी जताई है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
ग्रामीणों ने कहा है कि मुआवजे की राशि काफी कम है और जिला प्रशासन ने लंबे समय से अस्थायी रूप से विस्थापित लोगों के मुआवजे में कोई बदलाव नहीं किया है। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि लॉन्चिंग रेंज में एक तालाब आता है, जहां काम करने वाले मछुआरों और खेतिहर मजदूरों को मुआवजा नहीं दिया जाता है। इस संबंध में ग्रामीणों ने बालासोर के जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है और उनकी मांगों को जल्द मानने की बात कही गई है।
प्रशासन की कार्रवाई
प्रशासन ने मिसाइल लॉन्चिंग से पहले लॉन्च पैड के 3.5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 10,581 लोगों को अस्थायी रूप से हटाया है। जिला प्रशासन ने पहले ही इन लोगों को सूचित कर दिया था कि उन्हें 24 जुलाई 2024 की सुबह 4 बजे घर छोड़कर अस्थायी कैंप में जाना होगा। मिसाइल टेस्टिंग के बाद प्रशासन द्वारा जानकारी दिए जाने पर ही वे सभी अपने घर वापस आ सकेंगे।
मुआवजे की व्यवस्था
प्रशासन के अनुसार, मिसाइल लॉन्चिंग की वजह से प्रभावित होने वाले लोगों को स्कूलों और अस्थायी टेंट में ठहराया गया है। मुआवजे की राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
इस घटना ने मिसाइल परीक्षणों के दौरान सुरक्षा और मुआवजे की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। प्रशासन से अपेक्षा है कि वे प्रभावित लोगों की समस्याओं का उचित समाधान करेंगे और भविष्य में बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।