श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में मंगलवार को शुरू हुई मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया, जबकि भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया। अधिकारियों ने बुधवार को इस घटना की पुष्टि की।

मुठभेड़ का विवरण

मुठभेड़ कुपवाड़ा के ट्रुमखान जंगलों में उस समय शुरू हुई जब सुरक्षा बलों की टीमों ने आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के आधार पर तलाशी अभियान चलाया। सेना का एक गैर-कमीशन अधिकारी (एनसीओ) इस मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में चिकित्सा के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने 23 जुलाई से 24 जुलाई तक आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में विशिष्ट जानकारी के आधार पर एक संयुक्त खोज अभियान शुरू किया। सेना के सतर्क सैनिकों ने 24 जुलाई को संदिग्ध गतिविधि देखी और आतंकवादियों को चुनौती दी, जिसके जवाब में आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की। इस मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया और एक एनसीओ घायल हो गया।

मुठभेड़ का जारी रहना

सेना की ओर से जारी एक पोस्ट में कहा गया, “सामान्य क्षेत्र कोवुत, कुपवाड़ा में आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में विशिष्ट जानकारी के आधार पर, 23 जुलाई से 24 जुलाई तक सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से एक संयुक्त खोज अभियान शुरू किया गया। सतर्क सैनिकों ने 24 जुलाई को संदिग्ध गतिविधि देखी और वहां मौजूद आतंकवादियों को चुनौती दी, जिसके जवाब में आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की। मुठभेड़ में एक आतंकवादी को मार गिराया गया और एक एनसीओ घायल हो गया। कार्रवाई अब भी जारी है।”

हालात और अन्य घटनाएं

कुपवाड़ा में गोलीबारी ऐसे समय में हुई है जब जम्मू क्षेत्र में आतंकवादी हमलों में तेजी आई है। जम्मू के पुंछ जिले में मंगलवार को नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया।

गौरतलब है कि 20 जून से, जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, जम्मू क्षेत्र में अलग-अलग हमलों में 11 सुरक्षाकर्मी और नौ तीर्थयात्री मारे जा चुके हैं।

निष्कर्ष

इस मुठभेड़ ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की चुनौती को उजागर किया है। सुरक्षा बलों की तत्परता और साहस की प्रशंसा की जा रही है, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट है कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए और अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।