फतेहपुर – गाजीपुर के सरकी गांव के रहने वाले मतोले सिंह पुत्र शत्रुघ्न सिंह ने जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र सौंपकर अपनी समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है। पत्र में उन्होंने बताया कि वह सदर तहसील के सरकी गांव के निवासी हैं और चकबंदी अधिकारी द्वारा उनके पक्ष में 19 फरवरी 2021 को आदेश पारित किया गया था। इस आदेश में पूर्व पारित आदेश दिनांक 29 जून 2019 को निरस्त कर दिया गया था।

शिकायत का विवरण

मतौले सिंह ने बताया कि अभी तक खतौनी में 19 जून 2019 के आदेश का ही अमल हो रहा है, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है। उनके आदेश को 23 जनवरी 2021 और 19 फरवरी 2021 को खारिज कर दिया गया था। उन्होंने जिलाधिकारी को 24 फरवरी 2024 और दूसरी शिकायत 11 मार्च 2024 को की थी।

आरोप और गुहार

मतौले सिंह ने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी ने आदेश दिया था कि प्रार्थना पत्र की जांच कर तीन दिवस में आख्या भेजी जाए, लेकिन एसओसी (सर्वे ऑफिसर) द्वारा कोई रिपोर्ट नहीं भेजी गई। उन्होंने उपरोक्त अधिकारियों की जांच करवाकर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

प्रशासन से उम्मीद

मतौले सिंह ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है। इस मामले ने ग्रामीण क्षेत्र में प्रशासनिक कार्यों की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं।

निष्कर्ष

इस घटना ने चकबंदी प्रक्रिया और प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है। स्थानीय प्रशासन को मतौले सिंह की शिकायत पर त्वरित और निष्पक्ष जांच करानी चाहिए ताकि उन्हें न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी समस्याओं का समाधान हो सके।