नई दिल्ली, एजेंसी: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया है, जिसमें राज्य सरकार के एक अधिकारी द्वारा अपने दो अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है। इस मामले की सुनवाई आज बाद में होने की उम्मीद है।
समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कलेश बी की शिकायत के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। कलेश बी ने कथित वाल्मीकि निगम घोटाले की जांच के दौरान ईडी के दो अधिकारियों – मित्तल और मुरली कन्नन – पर कदाचार का आरोप लगाया है।
ईडी की याचिका में कहा गया है कि एफआईआर में लगाए गए आरोप निराधार हैं और उन्हें रद्द किया जाना चाहिए। ईडी का तर्क है कि जांच अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए ही कार्रवाई की है और इस प्रकार की एफआईआर का दर्ज किया जाना दुर्भावनापूर्ण है।
उच्च न्यायालय में इस मामले की सुनवाई के दौरान कलेश बी और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को भी अपनी बात रखने का मौका मिलेगा।
इस मामले में आगे क्या होता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह मामला उच्च स्तर पर कदाचार के आरोपों से जुड़ा है और इसका असर प्रवर्तन निदेशालय के कामकाज पर भी पड़ सकता है।