चौपाल संवाद, फतेहपुर: फतेहपुर जिले में मोहर्रम की ताजियादारी की परंपरा बेहद प्रसिद्ध है। नौ मोहर्रम की रात को उठाए गए ताजियों का मिलाप दसवीं मोहर्रम की भोर में पीलू तले और सैय्यदवाड़ा मुहल्ले में हुआ। इसके बाद ताजिए अपने-अपने निर्धारित मार्गों पर भ्रमण करते हुए इमामबाड़ों पर रखे गए। दिन भर फातिहा और दरूद का सिलसिला चलता रहा।

दसवीं मोहर्रम की जोहर की नमाज के बाद एक-एक करके सभी ताजिए अपने-अपने इमामबाड़ों से अलम जुलूस के साथ उठाए गए। जिले का प्रसिद्ध चांदू मियां का ताजिया भी तकिया तले स्थित इमामबाड़े से भारी भीड़ के बीच उठा। पीरनपुर, अरबपुर, जोशियाना के ताजिए अपने-अपने अलम जुलूस के साथ चौक चौराहा पहुँचे, जहां चांदू मियां के ताजिए के साथ भीड़ आगे बढ़ी।

मसवानी मुहल्ले और मुराइनटोला के ताजिए भी अपने-अपने जुलूस के साथ पीलू तले चौराहा की ओर बढ़े। जैसे ही सभी ताजिए पीलू तले पहुँचे, पहला मिलाप हुआ। इस मिलाप को देखने के लिए बड़ी संख्या में अकीदतमंद उपस्थित रहे। लोगों ने “या हुसैन, या हुसैन, लब्बैक हुसैन” के नारे बुलंद किए। ढोल और डीजे की आवाज से वातावरण गूंज उठा।

ताजिए लाला बाजार होते हुए सैय्यदवाड़ा मुहल्ले पहुँचे, जहां दूसरा मिलाप हुआ। यहां से कुछ ताजिए अपने निर्धारित इमामबारगाहों के लिए रवाना हो गए। वहीं, चांदू मियां के ताजिए के साथ कुछ ताजिए मुराइनटोला स्थित मैदान पहुँचे, जहां इमामबाड़ों पर सभी ताजिए रखे गए। करीब डेढ़ घंटे बाद ताजिए पुनः उठाए गए और अपने-अपने निर्धारित मार्गों से भ्रमण करते हुए आगे बढ़े।

दस मोहर्रम की ताजियादारी जिले में बहुत मशहूर है और ताजिए व अलम जुलूस को देखने के लिए सभी मार्गों पर अकीदतमंदों की भारी भीड़ उमड़ी रही।

मेले का उठाया लुत्फ

फतेहपुर में मोहर्रम के पर्व पर ताजियादारी देखने वालों की भीड़ रही। महिलाओं और बच्चों ने लाला बाजार में लगे मेले का जमकर लुत्फ उठाया। मेले में लगी श्रृंगार और जरूरी सामग्री की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ देखी गई। खाद्य पदार्थों की दुकानों पर भी लोग जमे रहे। सबसे अधिक भीड़ लुचूई-सब्जी की दुकानों पर देखी गई। इसके अलावा कवाब-समोसा, शीरमाल, और बिरयानी की दुकानें भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती रहीं।

जगह-जगह अकीदमंदों ने किया लंगर

मोहर्रम की दसवीं (आशूरा) के दिन ताजियादारी उरूज पर रही। अकीदमंदों ने जगह-जगह स्टाल लगाकर दिल खोलकर लंगर किया। लंगर में बिरयानी, हलीम, शीरमाल, बिस्कुट, कोल्ड ड्रिंक, और शर्बत आदि इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की याद में वितरित किए गए। लंगर लेने के लिए अकीदमंदों की भीड़ स्टालों पर देखी गई। कुछ लोगों ने अपने-अपने घरों और प्रतिष्ठानों की छतों से भी लंगर वितरित किया।