फतेहपुर। मोहर्रम पर्व की नवीं तारीख पर जिले के कोने-कोने से अकीदतमंद ताजियों का दीदार करने के लिए शहर में उमड़ पड़े। इस अवसर पर शहर के अधिकतर मार्ग और गलियां लोगों से गुलजार रहीं। विभिन्न स्थानों से उठाए गए दर्जनों ताजियों ने निर्धारित मार्गों पर गश्त किया और आज अपने इमामबाड़ों पर रखे जाएंगे। मोहर्रम की दसवीं तारीख पर सभी ताजियों का पुनः उठना और निर्धारित मार्गों पर भ्रमण करते हुए सैय्यदवाड़ा मोहल्ला स्थित कूंड तालाब के निकट एकत्रित होना निश्चित है। यहां से ताजिये एक-एक करके ठंडे कराए जाएंगे, अंत में चांद फकीर का ताजिया ग्यारह मोहर्रम को फाटक में रखा जाएगा।

इस पर्व के दौरान लाला बाजार में मेला लगा रहा, जहां घरेलू सामान, महिलाओं की श्रृंगार सामग्री और बच्चों के खिलौनों की दुकानें सजी हुई थीं। महिलाएं खरीदारी में व्यस्त दिखीं और बच्चों ने मनपसंद खिलौने खरीदे। खाद्य पदार्थों की दुकानों पर भीड़ लगी रही, जहां लोगों ने लुचाई, सब्जी और कवाब-समोसा का स्वाद लिया।

मोहर्रम पर्व दस दिनों तक मनाया जाता है, जो चांद देखने के बाद शुरू होता है और ग्यारहवीं तारीख को समाप्त होता है। हर दिन अलग-अलग स्थानों से ताजिए उठाए जाते हैं। पांचवीं तारीख से यह पर्व शबाब पर पहुंच जाता है, जब अलम जुलूस में शहर भर के अलम शामिल होते हैं। छठवीं मोहर्रम को छह ताजियों का मिलाप होता है, सातवीं को पलंग जुलूस और आठवीं को सभी ताजिया अपने-अपने इमामबाड़ों में रखे जाते हैं। इस दौरान अकीदतमंद ताजियों पर फातिहा पढ़ते हैं और मन्नतें मानते हैं। जिनकी मन्नतें पूरी होती हैं, वे चढ़ावा चढ़ाते हैं।

शुक्रवार को नवीं तारीख होने के कारण शहर के ही नहीं बल्कि जिले के कोने-कोने और गैर जनपदों से भी लोग ताजियों का दीदार करने आए। सुबह से फातिहा पढ़ने और चढ़ावा चढ़ाने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। चांदू मियां का ताजिया सहित सभी ताजिये अर्द्धरात्रि को उठाए गए और भोर के समय मुस्लिम इंटर कॉलेज पहुंचेंगे, जहां आज सुबह उनका मिलाप होगा।

सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए थे। ताजियों के साथ-साथ पुलिस बल भी तैनात रहा। महिलाओं और बच्चों की भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने हर संभव प्रयास किया।