कानपुर में 10 अगस्त से फाइलेरिया (हाथीपांव) से बचाव के लिए सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान शुरू किया जाएगा। यह अभियान 10 अगस्त से 2 सितम्बर तक चलेगा, जिसमें तीन सदस्यीय टीमें घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएंगी।
अभियान की विशेषताएं:
- अवधि: 10 अगस्त से 2 सितम्बर तक।
- टीम संरचना: प्रत्येक टीम में तीन सदस्य होंगे।
- लक्षित लोग: दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को (गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोगों को छोड़कर) फाइलेरिया से बचाव की तीनों दवाएं खिलाई जाएंगी। एक से दो वर्ष के बच्चों को केवल पेट के कीड़े मारने की दवा दी जाएगी।
- दवा सेवन की आवृत्ति: तीन साल तक लगातार साल में एक बार दवा का सेवन आवश्यक है।
- कार्यक्रम के दिन: यह अभियान हर सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को चलेगा।
- ई कवच पोर्टल: प्रतिदिन खिलाई गई दवा का विवरण ई कवच पोर्टल पर फीड करना अनिवार्य है।
- टीम की कार्यप्रणाली: प्रत्येक टीम को एक दिन में 25 घर का भ्रमण कर कम से कम 125 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलानी होगी।
- पुरुष सदस्य: पहली बार अभियान की टीम में एक पुरुष सदस्य भी शामिल किया जाएगा ताकि हाथीपांव और हाइड्रोसील के नए पुरुष मरीजों की पहचान की जा सके।
- टीम संख्या: इस अभियान के लिए 2980 टीम बनाई गई हैं।
सहयोग और समर्थन:
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता: बीमारी की भयावहता के बारे में लोगों से चर्चा करेंगी और अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता के साथ सक्रिय भूमिका निभाएंगी।
- प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई): अन्तर्विभागीय संवेदीकरण व जन जागरूकता गतिविधियों में सहयोग करेंगे।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO): तकनीकी सहयोग प्रदान करेंगे।
- सीफॉर संस्था: जिले के 5 ब्लॉक में फाइलेरिया रोगी नेटवर्क की मदद ली जाएगी।
वर्तमान स्थिति:
- हाथीपांव के मरीज: 4572
- हाइड्रोसील के मरीज: 725
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की बैठक:
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक रंजन ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बीमारी की भयावहता के बारे में लोगों को जागरूक करने और दवा सेवन के महत्व पर जोर देने को कहा। वहीं, नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. आर.पी. मिश्रा ने बताया कि फाइलेरिया विश्व में दिव्यांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है और आईडीए अभियान को मजबूती प्रदान कर सुनिश्चित किया जाएगा कि जिले में एक भी नया संक्रमण न फैलने पाए।