नई दिल्ली, एजेंसी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार को कावेरी जल विवाद पर सर्वदलीय बैठक की। उन्होंने कर्नाटक सरकार द्वारा तमिलनाडु को कावेरी जल की कम मात्रा जारी करने को अत्यधिक निंदनीय बताया। इस मुद्दे पर स्टालिन ने सीडब्ल्यूआरसी से आग्रह किया कि कर्नाटक सरकार को सुप्रीम कोर्ट और सीडब्ल्यूएमए के आदेशानुसार तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़ने का आदेश दिया जाए।
बैठक की मुख्य बातें:
- कर्नाटक सरकार की निंदा: सर्वदलीय बैठक में कर्नाटक सरकार की कड़ी निंदा की गई।
- जलाशयों की स्थिति: 15 जुलाई, 2024 तक, कर्नाटक के चार मुख्य बांधों में कुल भंडारण 75.586 टीएमसी फीट है, जबकि तमिलनाडु के मेट्टूर जलाशय में जल स्तर मात्र 13.808 टीएमसी फीट है।
- किसानों का विरोध प्रदर्शन: त्रिची, थिल्लई नगर में कर्नाटक बैंक के सामने तमिलनाडु के किसानों ने कावेरी जल की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
- राजनीतिक मुद्दा: कावेरी जल विवाद पिछले 20 वर्षों से अधिक समय से मुकदमेबाजी का मुद्दा बना हुआ है। यह एक राजनीतिक मुद्दा है जिस पर 150 वर्षों से अधिक समय से बहस चल रही है।
कर्नाटक का पक्ष:
- उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार का बयान: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने आपसी समझ और सहयोग पर जोर देते हुए बातचीत के लिए खुलेपन का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु को उनका अधिकार मिलना चाहिए, जैसे कर्नाटक को मिलते हैं।
निष्कर्ष:
कावेरी जल विवाद पर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए, दोनों राज्यों के नेताओं द्वारा बातचीत और आपसी समझ की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। यह मुद्दा दोनों राज्यों के लिए महत्वपूर्ण है और इसे सुलझाने के लिए सहयोग और कानूनी आदेशों का पालन करना आवश्यक है।