लखनऊ, एजेंसी। लखनऊ के पंतनगर, अबरारनगर, रहीमनगर, और इंद्रप्रस्थनगर में बने मकान अब नहीं तोड़े जाएंगे। मंगलवार को ट्रांसगोमती संघर्ष समिति के लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि जिन घरों के मालिकों के पास रजिस्ट्री है, उनके घर नहीं ढहाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पंतनगर हो या इंद्रप्रस्थनगर, वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवन देना हमारी जिम्मेदारी है। एनजीटी के आदेशों को देखते हुए कुकरैल नदी के फ्लड प्लेन जोन बनाया गया है। फ्लड प्लेन जोन में निजी भूमि भी शामिल है, लेकिन निजी भूमि को खाली कराने की न तो वर्तमान में कोई जरूरत है और न ही कोई प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि फ्लड प्लेन जोन की पहचान के लिए मकानों पर लगाए गए लाल निशान से लोगों में डर और भ्रम फैला है, जिसका कोई औचित्य नहीं था। इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी।
लखनऊ कमिश्नर से भी मिले थे लोग
इससे पहले ट्रांसगोमती संघर्ष समिति के सदस्यों ने कमिश्नर रोशन जैकब से भी मुलाकात की थी। रोशन जैकब ने भी कहा था कि कुकरैल नदी के पास मौजूदा 35 मीटर की चौड़ाई पर्याप्त है, इस सीमा के भीतर कोई भी स्ट्रक्चर प्रभावित नहीं होगा, यानी तोड़फोड़ नहीं होगी। आश्वासन मिलने के बाद इलाके के निवासी खुशी से झूम उठे। अबरारनगर, पंतनगर, इंद्रप्रस्थनगर और रहीमनगर को मिलाकर करीब दो हजार से ज्यादा मकानों को चिन्हित किया गया था। लखनऊ विकास प्राधिकरण और सिंचाई विभाग का कहना था कि ये मकान ग्रीन बेल्ट पर बने हुए हैं, ऐसे में यहां किसी भी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता था।
लोगों की चिंता
पंतनगर और रहीमनगर में सर्वे करके घरों पर लाल निशान लगाया गया है। यहां रहने वाले लोग पूछ रहे थे कि जहां वे चार-पांच दशक से रहते आए हैं, जहां सरकार ने विकास का काम कराया है, जहां से वोट देते आए हैं, वह सब कुछ अवैध कैसे हो सकता है? पंतनगर के लोग एक हाथ में रजिस्ट्री की कॉपी लेकर सत्याग्रह कर रहे थे। कुछ लोगों ने अपने घर के बाहर रजिस्ट्री की फोटोकॉपी चिपका दी है। लोगों का कहना है कि वे नगर निगम हाउस टैक्स की रसीद, पानी का बिल देते हैं। लेखपत्र का विवरण दे रखा है। दस्तावेज अवैध हैं तो वैध क्या है?
बच्चों ने भी लगाई थी सीएम योगी से गुहार
रविवार को बच्चों ने विरोध दर्ज कराया था। करीब 50 बेटियों ने एलडीए और सिंचाई विभाग के फैसले को गलत बताया। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के कर्मचारी कभी सर्वे करने नहीं आए, हमारे घरों को तोड़ने की साजिश की जा रही है। बेटियों ने हाथ जोड़कर सीएम योगी से अपील किया था कि योगी जी हमारा घर छोड़ दीजिए। घर टूट गया तो हम सब सड़क पर आ जाएंगे। हमारा भविष्य बर्बाद हो जाएगा। इतना ही नहीं, बेटियों ने सीएम से सवाल भी पूछा- योगी जी अगर आपकी छत कोई छीन ले तो आपको कैसा लगेगा?
सीएम ऑफिस की पोस्ट डिलीट की गई
सीएम योगी आदित्यनाथ के ऑफिस के ट्विटर हैंडल से भी एक पोस्ट की गई थी, जिसे कुछ देर बाद ही डिलीट कर दिया गया। पोस्ट में लिखा था कि कुकरैल नदी के किनारे बसी बस्तियों को नहीं तोड़ा जाएगा। केवल 35 मीटर के जद में काम किया जाएगा। बता दें कि कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में अकबरनगर के बाद आई रहीमनगर, खुर्रमनगर, पंतनगर, इंद्रप्रस्थनगर और अबरारनगर के लोग अपने घरों को अवैध बताकर लाल निशान लगाए जाने से गुस्से और गम में थे। इसके विरोध में लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
यह घोषणा क्षेत्र के निवासियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है, जिन्होंने अपने घरों की सुरक्षा के लिए लंबा संघर्ष किया।