कानपुर। शहर में सोमवार सुबह से बादल छाए हुए हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही है। बीते चार-पांच दिन से पानी नहीं बरसा है। उमस बढ़ जाने से लोग पसीने से तरबतर हो जा रहे हैं। पिछले पांच दिन से तापमान 35 डिग्री या इसके ऊपर चल रहा है।

तेज धूप और उमस की समस्या

मौसम विभाग के अनुसार स्थानीय स्तर पर बनने वाले बादलों से छिटपुट बारिश की संभावना है, लेकिन तेज मानसूनी बारिश 20 जुलाई के बाद ही संभव है। बादलों की आवाजाही और हवा में नमी की मात्रा बढ़ने के बाद उमस बढ़ गई है। धूप के निकलने के बाद उमस और पसीने से लोग बेहाल हो उठे हैं।

ग्रीन हाउस गैसों का असर

कमजोर मानसून की दूसरी वजह ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा में वृद्धि है, जिससे तापमान औसतन एक डिग्री और बढ़ गया है। यही वजह है कि इस बार बारिश वाले बादल भी कम बन रहे हैं। तापमान बढ़ने की वजह से बिजली गिरने की घटनाएं भी ज्यादा हो रही हैं।

बारिश की गतिविधियां होंगी सीमित

रविवार को अधिकतम पारा 37.3 और न्यूनतम 28.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, सोमवार सुबह पारा करीब 33 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय के अनुसार, कानपुर मंडल सहित उत्तर भारत में अभी बारिश की गतिविधियां सीमित रहेंगी। 18 जुलाई से एक और चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है, जो म्यांमार के पूर्वी तट से लेकर उत्तरी ओडिशा के तटीय भागों तक फैलेगा।

यह स्थिति न केवल आम नागरिकों के लिए कठिनाई पैदा कर रही है, बल्कि कृषि और जल संसाधनों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। यह आवश्यक है कि मौसम विभाग की भविष्यवाणियों पर ध्यान दिया जाए और आवश्यकतानुसार तैयारियां की जाएं।