सीबीआई जांच के खिलाफ उप मुख्यमंत्री शिवकुमार की याचिका खारिज
नई दिल्ली, एजेंसी। उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज एक प्राथमिकी को चुनौती देने वाली याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। यह मामला कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति बरामद होने से संबंधित है।
न्यायालय का निर्णय
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सीबीआई की उक्त प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली शिवकुमार की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। पीठ के समक्ष वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री शिवकुमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि आयकर अधिकारियों ने 2 अगस्त 2017 को उनके कथित परिसरों पर छापेमारी की थी। इस कार्रवाई का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एक ही घटना में दो कार्यवाही नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आयकर कार्यवाही पहले से चल रही है, ऐसे में सीबीआई का मामला दर्ज नहीं हो सकता।
अदालत की प्रतिक्रिया
पीठ ने कहा कि आयकर अधिकारी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही नहीं कर सकते। सीबीआई ने 25 सितंबर 2019 को राज्य की पिछली भाजपा सरकार की ओर से दी गई सहमति के आधार पर 3 अक्टूबर 2020 को श्री शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। आयकर जांच में भ्रष्टाचार के आरोपों के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा संदर्भ दिया गया था।
मामले की पृष्ठभूमि
श्री शिवकुमार के खिलाफ मामला 2017 में आयकर अधिकारियों द्वारा उनके परिसरों पर की गई छापेमारी के बाद दर्ज किया गया था। इस छापेमारी में कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति बरामद हुई थी। इसके आधार पर सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि आयकर और सीबीआई की कार्यवाहियों में अंतर है और दोनों अपनी-अपनी कानूनी प्रक्रियाओं के तहत कार्य कर सकती हैं। इस निर्णय के बाद, श्री शिवकुमार की सीबीआई जांच को रोकने की याचिका खारिज कर दी गई है।