मणिपुर में एक साल से जारी है हिंसा

मणिपुर में पिछले एक साल से ही हिंसा जारी है। दरअसल, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पिछले साल तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

इंफाल, एजेंसी। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मणिपुर की स्थिति पर केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई। उन्होंने गुरुवार को कहा कि मणिपुर की स्थिति में आज भी सुधार नहीं हुआ, यह अभी भी दो टुकड़ों में बंटा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी को राज्य का दौरा कर लोगों की तकलीफ सुननी चाहिए और शांति की अपील करनी चाहिए। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि इंडी गठबंधन की पार्टियां मणिपुर की समस्या को संसद में पूरी शक्ति के साथ उठाकर, सरकार पर इस समस्या को पूरी तरह से खत्म करने का दबाव बनाएंगी। उन्होंने सोमवार को हिंसाग्रस्त राज्य का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने इस दौरे का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी साझा किया। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि 22 जुलाई से आरंभ हो रहे संसद के मानसून सत्र में मणिपुर का मुद्दा उठाया जाएगा। उन्होंने एक वीडियो साझा करते हुए पोस्ट में लिखा, मणिपुर में हिंसा शुरू होने के बाद, मैं तीसरी बार यहां आ चुका हूं, मगर अफसोस स्थिति में कोई सुधार नहीं है। आज भी यह राज्य दो टुकड़ों में बंटा हुआ है। घर जल रहे हैं, मासूम जिंदगियां खतरे में हैं और हजारों परिवार राहत शिविरों में जीवन काटने पर मजबूर हैं। राहुल गांधी ने आगे कहा कि पीएम मोदी को खुद को मणिपुर आकर यहां के लोगों से बात करनी चाहिए। उनकी तकलीफ सुनने के साथ उनसे शांति बनाए रखने की अपील करनी चाहिए। सोशल मीडिया पर जारी वीडियो के अनुसार, राहुल गांधी ने महिलाओं के एक समूह के समक्ष सवाल किया कि हिंसा क्यों शुरू हुई तो महिलाओं ने बताया कि हिंसा गलतफहमी से शुरू हुई थी। इससे किसी को भी कोई फायदा नहीं हो रहा है।