कानपुर। कानपुर के नौबस्ता बाईपास पर स्टैंड संचालक की दिनदहाड़े बीच चौराहा गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस कमिश्नर ने बड़ा एक्शन लिया है। लापरवाही बरतने पर नौबस्ता इंस्पेक्टर जगदीश पांडेय को हटा दिया गया, जबकि बसंत विहार चौकी प्रभारी, हल्का इंचार्ज, बीट पुलिस अधिकारी (सिपाही) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। एसीपी नौबस्ता की जांच रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की गई है। स्टैंड की वसूली को लेकर विवाद की चौकी में शिकायत की गई थी। इसके बाद भी पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया और स्टैंड संचालक का मर्डर कर दिया गया।

एसीपी की जांच रिपोर्ट में सामने आई पुलिस कर्मियों की लापरवाही

नौबस्ता चौराहे पर 5 जुलाई की सुबह अवैध स्टैंड संचालन में हुए विवाद के बाद हनुमंत विहार निवासी हरिकरन सिंह (58) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने उसी दिन शाम को रेउना थाना क्षेत्र निवासी हत्या करने वाले सौरभ सचान को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। सामने आया था कि सौरभ सचान और हरिकरण पुलिस के सामने अवैध स्टैंड लगाकर वाहनों से वसूली करते थे। इसमें एक हिस्सा पुलिस को भी जाता था। हरिकिरन और सौरभ के बीच वसूली को लेकर विवाद हो गया था। इसके बाद दोनों में जमकर मारपीट भी हुई थी। मामले की शिकायत पुलिस तक भी पहुंची थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इसी के चलते सौरभ ने झगड़े के बाद जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया और हरिकिरन की गोली मारकर बीच चौराहा हत्या कर दी।

डीसीपी साउथ रवींद्र कुमार ने बताया

डीसीपी साउथ रवींद्र कुमार ने बताया कि एसीपी नौबस्ता की जांच रिपोर्ट में पुलिस की लापरवाही का खुलासा हुआ है। इसके चलते तत्काल प्रभाव से नौबस्ता थाना प्रभारी जगदीश पांडेय को हटा दिया गया। वहीं, लापरवाही करने वाले चौकी इंचार्ज बसंत बिहार छत्रपाल सिंह, हल्का प्रभारी दरोगा सत्येंद्र सिंह और बीट हेड कांस्टेबल अवधेश कुमार को सस्पेंड कर दिया गया।

समय रहते कार्रवाई होती तो नहीं होता मर्डर

एसीपी नौबस्ता मंजय सिंह की जांच रिपोर्ट के अनुसार, अगर समय रहते मामले में पुलिस एक्शन लेती तो शायद यह मर्डर केस ही नहीं होता। शिकायत के बाद भी चौकी इंचार्ज समेत अन्य जिम्मेदार पुलिस कर्मियों ने कोई एक्शन नहीं लिया था। इसी के चलते सौरभ सचान की बदले की भावना और बढ़ती गई और स्टैंड संचालक हरिकिरन की गोली मारकर हत्या कर दी।